शनि देव कौन हैं?
शनि देव सूर्य देव के छोटे पुत्र हैं इनकी माता का नाम छाया था ये सूर्य देव की पत्नी संज्ञा की छाया से उत्पन्न हुई थी इसलिए देवी संज्ञा ने इनका नाम छाया रखा | छाया को उत्पन्न करके देवी संज्ञा तप करने जा वाली थी उसके लिए उन्होंने अपने पुत्र यम यमी की देखभाल करने के लिए किया था | देवी संज्ञा तप करने जाने वाली है इस बात का पता सूर्य देव को नहीं था | इसलिए सूर्य देव छाया को ही देवी संज्ञा समझ रहे थे | कुछ समय के बाद ही छाया से एक पुत्र पैदा होता है देवी छाया के कारन शनि का वर्ण श्यामल होता हैं | जिस कारन सूर्य देव अपना पुत्र मानने से इनकार करते है और श्राप देते है ये मेरी रोशनी में जब आएगा तो जलकर भस्म हो जायेगा | लेकिन कुछ वर्ष के बाद सूर्य देव अपना श्राप वापस ले लेते हैं |
शनि देव त्रिदेव की रचना होते हैं | शनि देव को कर्मफल दाता अथवा न्यायकर्ता कहा जाता है |
शनि देव कर्मफल इसी जीवन में देते हैं | शनि किसी का बुरा नहीं करते हैं वो केवल मनुष्य को उसका फल देते हैं अगर कर्म अच्छा हो तो फल निश्चित रूप से अच्छा मिलता हैं | तथा अगर कर्म बुरे हैं तो मार्ग पर ले आते हैं अथवा उसका फल देते हैं |
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