शिव और शक्ति: 54 शक्ति स्थल कैसे जन्मे थे अपने पिता द्वारा शिव का अपमान करने पर सती ने अग्नि में अपने आप को कैसे जलाया? बिलकुल शांति में, कोई अतीत नहीं है। पूर्ण आंदोलन में भी कोई अतीत नहीं है। ये दो मूलभूत मार्ग हैं जिन्हें शिव ने पाया जो सृष्टि है और सृष्टि का स्रोत है। यही कारण है कि उन्हें लगातार एक जंगली नर्तक या एक तपस्वी के रूप में चित्रित किया जाता है जो अभी भी पूरी तरह से है। शिव-पार्वती विवाह कथा-पुराणों के अनुसार ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ माता सती को ही पार्वती, दुर्गा, काली, गौरी, उमा, जगदम्बा, गिरीजा, अम्बे, शेरांवाली, शैलपुत्री, पहाड़ावाली, चामुंडा, तुलजा, अम्बिका आदि नामों से जाना जाता है। इनकी कहानी बहुत ही रहस्यमय है। यह किसी एक जन्म की कहानी नहीं कई जन्मों और कई रूपों की कहानी है। देवी भागवत पुराण में माता के 18 रूपों का वर्णन मिलता है। हालांकि नौ दुर्गा और दस महाविद्याओं (कुल 19) के वर्णन को पढ़कर लगता है कि उनमें से कुछ माता की बहने थीं और कुछ का संबंध माता के अगले जन्म से है। जैसे पार्वती, कात्यायिनी अगले जन्म की कहानी है तो तारा माता की बहन थी। मात...
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